"मुंह क्यों फुलाती हूं"
सब पूछते हैं मुझसे,
मैं इतना क्यों झुंझलाती हूं?
क्यों इतना मुंह फूलाती हूं?
ये सवाल जितना मीठा है,
जवाब उतने ही कड़वे हैं,
मुझको भी ये शौक़ नहीं,
मुंह को अपने बम बना लूं,
चाल को अपनी शाही,
ये अंदाज़ ही इतना कड़वा है,
बाक़ी नहीं कह पाती हूं।
सवाल तुम्हारा मीठा है,
पर जवाब सुन ना पाओगे,
तेरी झूठी बातों पे,
खुद ही तुम पछताओगे।
तुम झूठ बोलो,नीचा दिखाओ,
बेइज्जती करो मेरी,
फिर ये सोचो ,हंस के बात करूं,
काम करूं,पैर दबाऊं तेरी।।👏👏❤️❤️
Raghuveer Sharma
09-Jan-2022 11:44 PM
nice
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Ariz Noor
10-Jan-2022 10:53 AM
Thank u sahab
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